Thursday 28 April 2016

प्रसन्नता लाने और जीवन को एक उत्सव बनाने के लिए कटिबद्ध - योग, ध्यान और ज्ञान

तनाव मुक्त और हिंसा मुक्त विश्व का दृष्टिकोण

योग: क्या है योग?
योग - एक जीवन शैली
योग संस्कृत धातु 'युज'  से उत्‍पन्न हुआ है जिसका अर्थ है व्यक्तिगत चेतना या आत्मा का सार्वभौमिक चेतना या रूह से मिलन। योग ५००० वर्ष प्राचीन  भारतीय ज्ञान का समुदाय है। यद्यपि कई लोग योग को केवल शारीरिक व्यायाम  ही मानते हैं जहाँ लोग शरीर को तोड़ते - मरोड़ते हैं और श्वास लेने के जटिल तरीके अपनाते हैं | वास्तव में देखा जाए तो ये क्रियाएँ मनुष्य के मन और आत्मा की अनंत क्षमताओं की तमाम परतों को खोलने वाले ग़ूढ विज्ञान के बहुत ही सतही पहलू से संबंधित हैं|
योग विज्ञान में जीवन शैली का पूर्ण सार आत्मसात किया गया है , जिसमें ज्ञान योग या तत्व ज्ञान,भक्ति योग या परमानन्द भक्ति मार्ग,कर्म योग या आनंदित कार्य मार्ग और राज योग या मानसिक नियंत्रण मार्ग समाहित हैं । राजयोग आगे और ८ भागों में विभाजित है। राजयोग प्रणाली के  मुख्य केंद्र में उक्त विभिन्न पद्धतियों को संतुलित करना एवं उन्हे समीकृत करना ही योग के आसनों का अभ्यास है

ध्यान
आपको गहरा विश्राम दे वो ध्यान है
ध्यान के समय का विश्राम गहरी से गहरी नींद के विश्राम से भी अधिक गहरा होता है। जब मन व्यग्रता से मुक्त होता है, स्थिर व शांत होता है तभी ध्यान होता है।
ध्यान के कई लाभ हैं। ध्यान मानसिक स्वच्छता व स्वास्थ्य के लिए एक आवश्यक अभ्यास है। एक शांत मन, अच्छी एकाग्रता, समझ की स्पष्टता,बेहतर संवाद, कुशलताओं व प्रतिभाओं का विकास, अविचल आंतरिक शक्ति, स्वास्थ्य, आंतरिक ऊर्जा के स्रोत से जुड़ने की योग्यता, विश्राम और अच्छा भाग्य - यह सभी ध्यान के नियमित अभ्यास के सहज परिणाम हैं।
आज के समय में, जब तक आँख कुछ देखे या मन कुछ समझ पाए, इससे पहले ही तनाव आपको अपने घेरे में ले लेता है। इस हालत में ध्यान कोई आराम की चीज़ नही अपितु एक बहुत बड़ी आवश्यकता है। बिना शर्त की प्रसन्नता और मन की शांति पाने के लिए ध्यान का सहारा लेना होगा।